सन्धिपरिचयः
सन्धिः = उच्चारणकाले वर्णद्वयं समीपे भवति तदा वर्णविकारः (उच्चारणे परिवर्तनम्) भवति |= Change in the sound (pronunciation) When two sounds (syllables) are near enough at the time of pronunciation.
माहेश्वरसूत्राणि
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विसर्गसन्धिः | ||||
पूर्ववर्णः+परवर्णः | परिवर्तनम् | उदाहरणानि | पाणिनीयसूत्रम् | |
अः+अ | ओऽ | दासः+अस्मि = दासोSस्मि | रामः+अयम् = रामोऽयम् |
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अः+आ/इच् | अ+आ/इच् | अर्जुनः+उवाच = अर्जुन उवाच | ||
आः+अश् | आ+अश् | नित्ययुक्ताः + उपासते = नित्ययुक्ता उपासते |
समवेताः + युयुत्सवः = समवेता युयुत्सवः |
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अः+हश् | ओ+हश् | रामः+राजमणिः = रामो राजमणि |
योगेश्वरः + हरिः = योगेश्वरो हरिः |
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इच्+विसर्गः+अश् | इच्+र्+अश् | गुरुः+ब्रह्मा = गुरुर्ब्रह्मा |
मारुतिः + यस्य = मारुतिर्यस्य |
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अच्+विसर्गः+क/ख | अच्+जिह्वामूलीयः+क/ख | कैवर्तकः+केशवः = कैवर्तकःकेशवः |
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अच्+विसर्गः+प/फ | अच्+उपध्मानीयः+प/फ | मामकाः+पाण्डवाः = मामकाःपाण्डवाः |
विभीषणश्रीद: + पातु = विभीषणश्रीद:पातु | |
विसर्गः+च/छ/श | श्+च/छ/श | चारिणः + छद्मचारिण = चारिणश्छद्मचारिण |
पाण्डवाः + च = पाण्डवाश्च |
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विसर्गः+ट/ठ/ष | ष्+ट/ठ/ष | रामः + टीकते = रामष्टीकते |
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विसर्गः+त/थ/स | स्+त/थ/स | शक्ताः + ते = शक्तास्ते |
नमः+ते = नमस्ते | |
स्वरसन्धयः | ||||
सवर्णदीर्घसन्धिः | अकः सवर्णे दीर्घः ६.१.१०१ |
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अ/आ+अ/आ | आ | तथा+अस्तु = तथास्तु | ||
इ/ई+इ/ई | ई | अस्ति+इति = अस्तीति | ||
उ/ऊ+उ/ऊ | ऊ | गुरु+उपदेशः = गुरूपदेशः | ||
ऋ/ॠ+लृ + ऋ/ॠ/लृ | ॠ | पितृ+ऋणम् = पितॄणम् | ||
गुणसन्धिः | आद् गुणः ६.१.८७ |
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अ/आ+इ/ई | ए | च+इति = चेति | राम+ईश्वरः रामेश्वरः | |
अ/आ+उ/ऊ | ओ | यथा+उक्तः = यथोक्तः | ||
अ/आ + ऋ/ॠ | अर् | कृष्ण+ऋद्धिः = कृष्णर्द्धिः | देव+ऋषिः = देवर्षिः | |
अ/आ + लृ | अल् | तव+लृकारः = तवल्कारः | ||
वृद्धिसन्धिः | वृद्धिरेचि ६.१.८८ |
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अ/आ+ए | ऐ | च+एव = चैव | माता+एका = मातैका | |
अ/आ+ओ | औ | महा+औष्ण्यम् = महौष्ण्यम् | ||
अ/आ+ऐ | ऐ | देव+ऐश्वर्यम् = देवैश्वर्यम् | ||
अ/आ+औ | औ | महा+औषधम् = महौषधम् | ||
यण् सन्धिः | इको यणचि ६.१.७७ |
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इ/ई+अच् (इ/ई विहाय) | य् | इति+अस्ति = इत्यस्ति | नदी+एषा = नद्येषा | |
उ/ऊ + अच् (उ/ऊ विहाय) | व् | तु+इदम् = त्विदम् | वधू+इयम् = वध्वियम् | |
ऋ/ॠ+अच् (ऋ/ॠ विहाय) | र् | पितृ+आदेशः = पित्रादेशः | ||
यान्तादेशवान्तादेशसन्धिः | एचोऽयवायावः ६.१.७८ |
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ए+अच् | अय् | जे+अति = जयति | ||
ओ+अच् | अव् | भो+अति = भवति | ||
ऐ+अच् | आय् | नै+अक = नायक | गै+अति = गायति | |
औ+अच् | आव् | उभौ+अपि = उभावपि | पादौ+ऋषेः = पादावृषेः | |
पूर्वरूपसन्धिः | एङः पदान्तादति ६.१.१०९ |
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ए/ओ+अ | ए/ओ | लोके+अस्मिन् = लोकेऽस्मिन् | तृप्तो+अस्मि = तृप्तोऽस्मि | |
व्यञ्जनसन्धयः | ||||
श्चुत्वसन्धिः | स्तोः श्चुना श्चुः ८.४.४० |
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श्/चवर्गः+स्/तवर्गः स्/तवर्गः+श्/चवर्गः |
श्/चवर्गः | पाण्डवास्+च = पाण्डवाश्च | जगत्+छत्रम् = जगच्छत्रम् | |
ष्टुत्वसन्धिः | ष्टुना ष्टुः ८.४.४१ |
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ष्/टवर्गः+स्/तवर्गः स्/तवर्गः+ष्/टवर्गः |
ष्/टवर्गः | रामस्+टीकते = रामष्टीकते | ||
जश्त्वसन्धिः | झलां जशोऽन्ते ८.२.३९ |
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झल्+अच्/हश् | जश् | वाक्+ईशः = वागीशः | अच्+अन्तः = अजन्तः | |
चर्त्वसन्धिः | खरि च ८.४.५५ |
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झल्+खर् | चर् | विराड्+पुरुषः = विराट्पुरुषः | दिग्+पालः = दिक्पालः | |
अनुनासिकसन्धिः | यरोऽनुनासिकेऽनुनासिको वा ८.४.४५ |
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यर्+अनुनासिकः | अनुनासिकः | षण्+मासाः = षण्मासाः | भवत्+मतम् =भवन्मतम् | |
अनुस्वारसन्धिः | मोऽनुस्वारः ८.३.२३ |
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म्/न्+हल्/झल् | अनुस्वारः+हल् | देवम्+वन्दे = देवं वन्दे | यशान्+सि = यशांसि | |
परसवर्णसन्धिः | अनुस्वारस्य ययि परसवर्णः ८.४.५८ |
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ङमुडागमसन्धिः | ||||
ह्रस्व अच् पूर्वक ङ्/ण्/न्+अच् | ङ्ङ्/न्न/ण्ण | तमिन्+एव = तस्मिन्नेव | सगुण्+ईश = सगुण्णीशः |
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